xyz

6

jnv hindi ( अपठित गद्यांश -3 )

1 / 5

श्रीमती सेन को आभूषणों का बड़ा शौक था। उनके जन्मदिन के अवसर पर श्री सेन ने उन्हें सोने और हीरों का एक सुन्दर हार खरीदकर दिया। श्रीमती सेन ने उस हार को थोड़ी देर पहना और उसके बाद उतार दिया। उन्होंने उसे अपने कमरे की मेज पर रख दिया। उसके बाद वे स्नानागार नहाने चली गई। एक बूढ़ा बन्दर उनके घर के पास वाले पेड़ पर चढ़ा और बालकनी से कूद गया। एक खुली खिड़की से वह कमरे के अन्दर घुस गया। बन्दर को वहाँ हार मिल गया और उसने उसे अपनी गर्दन पर लपेट लिया। उसके बाद बन्दर ने साइड टेबल पर रखे हुए चॉकलेट और फल खाए। जब श्रीमती सेन स्नानागार से लोटी, तो उन्हें अपना हार नहीं मिला। वे जोर से चिल्ला पड़ी।

 

  1. श्रीमती सेन ने अपने जन्मदिन के अवसर पर क्या पहना था ?

2 / 5

  1. श्रीमती सेन ने हार कहाँ रखा था?

3 / 5

  1. बन्दर कमरे में कैसे घुसा ?

4 / 5

  1. श्रीमती सेन के हार का क्या हुआ?

5 / 5

  1. ‘चिल्ला पड़ी’ का क्या अर्थ है?

Write a comment