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jnv hindi ( अपठित गद्यांश -4 )

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हेमू कालाणी एक सिन्धी नवयुवक था। वर्ष 1942 के आन्दोलन के समय उसकी आयु मात्र 19 वर्ष थी। उसने ‘स्वराज्य सेना’ नामक एक गुप्त दल बनाकर ब्रिटिश सरकार से टक्कर लेने की ठानी। एक दिन उसे मालूम हुआ कि ब्रिटिश फौज तथा शस्त्रों को लेकर एक रेलगाड़ी सक्खर से होकर निकलने वाली है। यह फौज तथा शस्त्र स्वतन्त्रता सेनानियों के विरुद्ध प्रयोग करने के लिए थे। हेमू ने 23 अक्टूबर, 1942 की रात्रि को रेलगाड़ी में ले जाए जा रहे ब्रिटिश फौज तथा शस्त्रों को नष्ट करने का प्रयास किया। गश्त लगाती हुई पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसने दल और साथियों का नाम नहीं बताया। फौजी अदालत ने उसे आजीवन कारावास दिया। किन्तु फौजी अदालत के मुख्यालय हैदराबाद (सिन्ध) के प्रमुख कर्नल रिचर्डसन ने उसे मृत्युदण्ड में बदल दिया। 21 जनवरी, 1943 को हेमू कालाणी को फाँसी दे दी गई।

  1. जब हेमू कालाणी 19 वर्ष का था, तो कौन-सा आन्दोलन हुआ?

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  1. हेमू कालाणी एक…………………. नवयुवक था |

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  1. शस्त्र लेकर रेलगाड़ी को कहाँ से गुजरना था?

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  1. किस फौजी अदालत ने हेमू को फाँसी की सजा दी?

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  1. आजीवन का विलोम शब्द होगा

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